वो पुराना खत आज भी नई अलमारी में है
वो पुराना खत आज भी नई अलमारी में है ,
उम्मीद की एक किरण आज भी सूरज में है
वो खुशबू आज भी इन हवाओं में है
वो पुराना खत आज भी नई अलमारी में है
आज भी स्याही नहीं सूखी उस खत की
अब तुम बताओ वो मजा whatsapp facebook की चैट में कहां है
, वो खत किताबों के बीच में है, कलम से लिखे गए वो अल्फाज आज भी दिल में है
सिलवटें पड़ गई तेरी लिखावट के उस कागज में ,
फिर भी मैंने उससे आज तक संभाल कर रखा है
और तुझे कैसे बताएं वो खत अलमारी में छुपा के रखा है ,
जब रुक गया था एक पल के लिए , जिंदगी थम गई थी एक पल के लिए, फिर तेरे उस कागज के टुकड़े से शुरूर आया उम्र भर के लिए ,
आओ हमारी महफिल में तुम्हें भी बताएंगे कैसे हमने पुराना खत नई अलमारी में सजा के रखा है यह भी दिखायेंगे
चलो अब छोड़ो तुम थोड़ी मानोगी की वो पुराना खत आज भी नई अलमारी में है
✍️✍️✍️,,,,,Deepak७102
Comments
Post a Comment