गांधी एक विचार
Authore by Deepak yadav इनके बारे में बहुत पढ़ा होगा पर आज हम इनके जीवन 5 ऐसी अनसुनी घटना बताएंगे महात्मा गांधी इनको अपनी अहिंसक विचारधारा के कारण विश्व भर में जाना पहचाना जाता है वैसे तो आपने उनके बारे में किताबों में सोशल मीडिया में बहुत सुना होगा पर इनके कुछ ऐसे अनसुने किस्से थे जो कहीं दब गए आपने सोशल मीडिया में इनके बारे में बहुत उल्टा सीधा भी सुना होगा पर इनमें सच्चाई कुछ और ही है बापू इस देश का विचार वह विचार जो अपनी अहिंसक विचारधारा के कारण भारत को आजाद कराने का संकल्प लिया था वह गांधी जिसने विश्व भर में अपनी विचारधारा को प्रचलित किया वह गांधी जो दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के कारण लड़ा वह गांधी जिसने त्याग समर्पण से अपने जीवन में उतारा ऐसे ही बाबू के 5 किस्से हैं
1. बापू रोज 10 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते थे
2. एक बार बाबू ट्रेन में यात्रा कर रहे थे तभी उनका एक जूता नीचे गिर गया तो उन्होंने दूसरा जूता भी फेंक दिया तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा कि आपने दूसरा जूता नीचे क्यों फेंका तब बापू ने बड़ी सादगी से उत्तर दिया कि अब यहां एक जूता मेरे काम का तो नहीं रहा पर पर जिसको भी वह एक जूता मिलेगा तो उसे वहां एक दूसरा जूता भी मिलेगा कम से कम वह उसके पहनने के लायक तो रहेगा
3. बात थी 1893 कि गांधीजी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से उतार दिया तब बापू ने उनसे कहा कि आज तुमने मुझे ट्रेन से उतारा है मैं 1 दिन तुम्हें मेरे देश से निकाल दूंगा
4. विदेशों में आज भी उनके नाम की 48 सड़कें हैं तथा बहुत सी देशों में उनकी आज भी प्रतिमा विद्यमान है
5. जब बापू बकिंघम पैलेस पहुंचे तो वहां के राजा से मुलाकात की तब राजा मुलाकात के लिए आए तो बापू की धोती और सोल देख कर बोले
Mr Gandhi where are clothes तब गांधी ने बड़ी सादगी के साथ उत्तर दिया Not only my but my all country clothes are you stole तुमने मेरे ही नहीं अपितु मेरे पूरे देश के कपड़े चुरा लिए हैं
गांधी जी का राजनीतिक दर्शन। ::: गांधी जी के राजनीतिक विचार उनकी नैतिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित थे गांधीजी राजनीति में नैतिक मूल्यों को समृद्ध करने के समर्थक थे उनके लिए राजनीति साध्य नहीं अपितु न्याय सत्य और मुरली की स्थापना का साधन थी राजनीति की कोई स्वतंत्र सत्ता नहीं है अपितु वहां व्यापक धार्मिक विचार के अधीन है एक राजनीतिक विचारक के रूप में गांधी जी ने पार्षद लोकतंत्रिक राजनीति की कटु आलोचना की गांधी जी का मत था कि पास इस लोकतांत्रिक राजनीति के अंतर्गत पूंजीवाद का प्रसार हुआ है परिणाम स्वरूप कमजोर और असहाय का शोषण होता है उनका कहना था कि केवल अहिंसा द्वारा ही सच्चे लोकतंत्र की स्थापना की जा सकती है
गांधी जी के राजनीतिक दर्शन में सत्याग्रह का विशेष महत्व था गांधी जी ने राजनीतिक समस्याओं के समाधान के लिए अनेक साधन का उपयोग किया इन सभी साधनों को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है इन पर सभी साधनों को सामूहिक रूप से सत्याग्रह कहा जा सकता है तथापि सत्याग्रह अहिंसक प्रतिरोध से अधिक व्यापक के सत्याग्रह का शाब्दिक अर्थ है सत्य के लिए आग्रह अथवा सत्य जिससे अहिंसा प्रेम भी सम्मिलित हैं यह उत्पन्न होने वाली सकती है इस रूप में सत्याग्रह सत्य के लिए तपस्या और कठोरता और आदित्य विपरीत परिस्थितियों में भी ऐसा करते हुए तथा कष्ट सहते हुए तथा से हुए सत्य का आग्रह करना है इस व्यापक अर्थ केंद्र सुधार तथा संवैधानिक कार्यक्रम होता है गांधीजी के लिए सत्याग्रह का विचार शक्ति नेता विपरीत आत्मा की शक्ति है सत्याग्रह आध्यात्मिक आस्था पर आधारित विचार है
गांधी जी द्वारा सत्याग्रह के विभिन्न रूप बताए गए हैं
पहला है असहयोग आंदोलन
दूसरा अनशन
हड़ताल बहिष्कार धरना आदि
स्वतंत्रता संबंधित विचार गांधीजी की चिंतन में मैं स्वतंत्रता संबंधित अवधारणा का महत्व स्थान है उनकी आस्था नैतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता में तो थे ही साथ ही वे राजनीतिक स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक थे गांधी जी ने आर्थिक स्वतंत्रता का भी समर्थन किया सर्वोदय और स्वराज्य का विचार गरीब और आशा है लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता की गारंटी गांधीजी ने राष्ट्रीय स्वाधीनता का समर्थन किया वे स्वयं राष्ट्रीय स्वाधीनता प्राप्ति के लिए संघर्ष करने वाले सेनानी थे उन्होंने व्यक्तिगत और नागरिक दोनों प्रकार की स्वतंत्र का समर्थन किया विचार अभिव्यक्ति और लेख लिखने की स्वतंत्रता का आवश्यक अंग माना गांधी जी ने व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ उसकी सामाजिक दायित्व की भी चर्चा की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक अनुसार में स्थापित करने के समर्थक थे व्यक्तित्व स्वतंत्रता और सामाजिक अनुशासन में स्थापित करने के समर्थक भी थे विचार के साथ कर्तव्य का भी ध्यान रखें जिसमें भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक उत्तरदायित्व में कोई विरोध पैदा ना हो दोस्तों यह गांधीजी के कुछ विचार जो हमने आपके सामने प्रस्तुत किए हैं यह राजनीतिक विचार आपको कैसे लगे कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं यह लेख दीपक यादव ने लिखा था
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