क्या है राष्ट्रवाद और कौन है राष्ट्रवादी
Authore by Deepak yadav
क्या है राष्ट्रवाद और कौन है राष्ट्रवादी भारत में यह बहस का मुद्दा है यह वर्तमान परिस्थितियों में हर कोई राष्ट्रवादी बना हुआ है क्या नारे लगाना ही राष्ट्रवाद बन गया है भारत में वर्तमान स्थिति में नारे लगाना ही राष्ट्रवाद बन गया है भारत एक बहु सांस्कृतिक देश है जिसमें अनेक लोग निवास करते हैं अपनी भाषा अपनी संस्कृति अपने लिबास के कारण लोग जाने पहचाने जाते हैं आज की स्थिति में हर कोई राष्ट्रवादी बन गया है और बनना भी चाहिए परंतु राष्ट्रवाद की परिभाषा कुछ लोगों ने थोड़ी सी बदल दी है अगर कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा की विपरीत बोलता है तो उसे देशद्रोही कहा जाता है
राष्ट्रवाद सिर्फ नारे लगाना नहीं है ना ही अपने आप को देश प्रेमी बताना है देश से प्रेम तो सभी करते हैं आज की युवा पीढ़ी अब व्हाट्सएप पर स्टेटस डालने को ही राष्ट्रभक्ति समझती हैं और अपने आप को राष्ट्रवादी समझती है बल्कि सही मायने में वह राष्ट्रवादी है जो देश की सेवा करता हो चाहे वह किसी भी रूप में हो राष्ट्रवाद का मतलब यह नहीं की कले में गमछा डाल कर भारत माता के नारे लगाना राष्ट्रवाद नही हैं बल्कि राष्ट्रवाद का सही अर्थ राष्ट्र के प्रति सत्यनिष्ठा उसकी प्रगति उसके आदर्शों को बनाए रखना संविधान का पालन करना उसको मानना राष्ट्रवाद है, हर वह व्यक्ति जो राष्ट्र के लिए काम करता है वह राष्ट्रवादी है चाहे वह खेतों में किसान हो चाहे मजदूर चाहे वह सफाई कर्मी हो चाहे वह शिक्षक सभी राष्ट्रवादी है सफाई कर्मी देश के अंदर की सफाई करता है तो वह भी राष्ट्रवादी हुआ ना चाहे वो किसान है जो देश का पेट भरता है वह भी राष्ट्रवादी हुआ ना चाहे वह जो शिक्षक जो देश के युवाओं को पढ़ाकर देश का भविष्य बनाएगा वह भी राष्ट्रवादी हुआ ना
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